दिल्ली, जुलाई 8 -- 2020 दिल्ली दंगों को लेकर चल रही सुनवाई के बीच आज दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम सवाल किया। कोर्ट ने साफ-साफ पूछा कि अभियुक्तों को कब तक जेल में रखा जा सकता है, यह देखते हुए कि फरवरी 2020 के दंगों से जुड़े आतंकी मामले में पांच साल बीत चुके हैं और आरोप पर बहस अभी तक पूरी नहीं हुई है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने दिल्ली पुलिस से यह सवाल तब पूछा, जब वे तसलीम अहमद की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। तसलीम अहमद पर दंगों की कथित बड़ी साज़िश से जुड़े एक मामले में कठोर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत आरोप लगाए गए हैं। पीठ ने अभियोजन पक्ष से पूछा, "पांच साल बीत चुके हैं। आरोप पर बहस भी पूरी नहीं हुई है। ऐसे मामलों में, जहाँ 700 गवाह हैं, किसी व्यक्ति को कब तक अंदर रखा जा ...