नई दिल्ली, अगस्त 5 -- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि आजकल कई मामलों में आरोपियों को सिर्फ 'दिखावे' के लिए जेल में रखा जाता है, ताकि लगे कि कानून अपना काम कर रहा है। सुप्रीम अदालत ने इस बात पर भी चिंता जताई कि राज्य सरकारें अब भी पुराने जमाने की जांच और अभियोजन रणनीति अपनाए हुए हैं और गवाहों की सुरक्षा को बिल्कुल प्राथमिकता नहीं देतीं। यह टिप्पणी जॉयमाल्या बागची और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की जमानत रद्द करने की अर्जी पर सुनवाई के दौरान की। तिवारी पर छत्तीसगढ़ कोयला लेवी 'घोटाले' और DMF घोटाले से जुड़े आरोप हैं।अदालत की सख्त टिप्पणी लाइव लॉ डॉट इन की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने कहा , "हम लोग केवल लोगों को जेल भेजते हैं और ये सोचते हैं कि इससे दिखेगा कि आपराधिक कानून चल रहा है। आज...