नई दिल्ली, अगस्त 2 -- हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के साथ-साथ आरती और मंत्र जाप का विशेष महत्व है। कोई भी पूजा इनके बिना अधूरी ही है। वहीं कई लोग आंख खोलकर भगवान की आरती या फिर मंत्र का जाप करते हैं। वहीं कुछ लोग बंद आंखों से ये काम करते हैं। कभी सोचा है कि कौन सा नियम या तरीका सही है? बता दें कि स्कंद और पद्म पुराण में इस बात का जिक्र है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर सही तरीका कौन सा वाला है? दरअसल आरती और मंत्र जाप के समय जब हम अपनी आंखों को खुला रखते हुए भगवान के विग्रह का दर्शन करते हैं, तो इसका खूब पुण्य मिलता है। इससे व्यक्ति को भगवान और आत्मा का जुड़ाव महसूस होता है। स्कंद और पद्म पुराण में यही लिखा है कि आंख बंद करके आरती करने से इंसान को इसके अनगिनत फल मिलते हैं। ऐसे में जब आंख बंद करते हैं तो ये अनुभव अधूरा रह सकता है। ये भी पढ़ें: गलती...
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