रांची, मई 25 -- सिविल जज जूनियर डिवीजन की प्रारंभिक परीक्षा में अनुसूचित जाति के एक अभ्यर्थी को असफल घोषित करने के झारखंड लोक सेवा आयोग के फैसले को रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने प्रार्थी को सफल घोषित करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जेपीएससी के निर्णय को रद्द करते हुए अपने आदेश में कहा है कि जेपीएससी ने प्रार्थी को अनारक्षित श्रेणी में लाकर संविधान के आरक्षण के प्रावधानों को दरकिनार किया है। प्रार्थी को उसके मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। किसी के संवैधानिक हक के दावे को रोका नहीं जा सकता है। समाज के वर्गों में असमानता की रक्षा के लिए जो संवैधानिक प्रावधान है, उसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने जेपीएससी को उस ई मेल को रद्द कर दिया, जिसके माध्यम से अभ्यर्थी को असफल घोषित किया क...