नई दिल्ली, मई 2 -- Caste Census: दशकों से भारत में आरक्षण बढ़ाने की मांग सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50% की सीमा से टकराती रही है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा घोषित जातीय जनगणना इस बहस को एक नया मोड़ दे सकती है। 1992 के इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की पीठ ने कहा था कि आरक्षण की सीमा 50% से अधिक नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने मंडल आयोग की सिफारिशों को मानते हुए ओबीसी के लिए 27% आरक्षण को मंजूरी दी, लेकिन साथ ही क्रीमी लेयर को बाहर करने और असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर कुल आरक्षण सीमा पर रोक भी लगाई। इसके बाद कई बार केंद्र और राज्यों द्वारा इस सीमा से ऊपर आरक्षण देने की कोशिशें की गईं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हर बार आंकड़ों और तथ्यों की मांग करते हुए इन्हें खारिज कर दिया। 2006 में एम नागराज बनाम भारत सरकार ...