कुशीनगर, मार्च 17 -- कसया, हिन्दुस्तान संवाद। राजकीय बौद्ध संग्रहालय के अज्ञेय सभागार में दुलारी सेवा संस्थान की तरफ से रविवार को दो दिवसीय कार्यक्रम की शुरूआत फरूवाही लोक नृत्य उत्सव के साथ हुई। आगंतुकों ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पार्चन किया। इसमें फरुवाही लोक नृत्य के कलाकारों ने नृत्य पेश किए। मुख्य अतिथि एसडीएम पारितोष मिश्र ने कहा कि ऐसे आयोजनों से लोक कलाओं काा संरक्षण और उन्हें बढ़ावा मिलेगा। इसमें सबकी सहभागिता होनाी चाहिए। मुख्य वक्ता डॉ. सीमा त्रिपाठी ने कहा फरुवाही नृत्य लोक कला की सबसे सशक्त विधा है। इसे सरकार की तरफ संरक्षण करने की यह पहल सराहनीय है। इससे लोक कलाकारों में उत्साह का संचार होगा। कहा कि कलाकारों का विकास होगा। पूर्वांचल में लोक कलाओं की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन उपेक्षित हैं। आज लोक कला...