लखनऊ, मई 3 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता। आयोग से शुक्रवार को बैरंग लौटाए गई सलाहकार कंपनी के साथ दिन पावर कॉरपोरेशन और उच्च स्तर पर बैठकों का दौर जारी रहा। सूत्र बताते हैं कि कंपनी पर कार्रवाई टालने की जुगत तलाशने में अधिकारी जुटे रहे, लेकिन बैठकें बेनतीजा ही रहीं। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के लिए सलाहकार नियुक्त की गई कंपनी ग्रांट थॉर्नटन पर आरोप हैं कि उसने टेंडर के लिए झूठा हलफनामा दाखिल किया था। मामला खुलने के बाद स्पष्टीकरण में उसने स्वीकार भी कर लिया कि उसपर अमेरिका के रेगुलेटर ने जुर्माना लगाया था। अब पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी यह फैसला नहीं ले पा रहे हैं कि सलाहकार कंपनी पर कार्रवाई की जाए या उसे बरकरार रखा जाए।

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