गोरखपुर, जुलाई 23 -- भटहट, हिन्दुस्तान संवाद महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विवि में पुष्य नक्षत्र के अवसर पर 25 जुलाई को स्वर्ण प्राशन कराया जाएगा। स्वर्ण प्राशन में छह माह से 16 वर्ष तक के बच्चों को दवा पिलायी जाएगी। यह जानकारी कुलपति प्रोफेसर डॉ. के. रामचंद्र रेड्डी ने दी। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद का स्वर्ण प्राशन बच्चों को बार-बार बीमार होने से बचाने का कार्य करता है। आयुर्वेदिक महिला चिकित्सक डॉ. लक्ष्मी अग्निहोत्री की देखरेख में स्वर्ण प्राशन स्वर्ण भस्म (सोने की शुद्ध राख) को जड़ी-बूटियों के अर्क से तैयार किया जाता है। बच्चों को शारीरिक एवं बौद्धिक क्षमता में बृद्धि के साथ बीमारियों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि करता है। स्वर्ण प्राशन सुबह आठ बजे से सायं 5 बजे तक कराया जाएगा।

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