आजमगढ़, जुलाई 21 -- आजमगढ़, संवाददाता। आयुष्मान कार्डधारकों के उपचार में निजी अस्पतालों की मनमानी नहीं चलेगी। मरीज के अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर उन्हें इलाज में आए खर्च का पूरा ब्योरा देना पड़ेगा। मरीज या उसके तीमारदार को खर्च का ब्योरा न देने पर अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई होगी। सूचीबद्ध अस्पताल की मान्यता को भी रद्द किया जा सकता है। आयुष्मान कार्डधारक को हर साल पांच लाख रुपये तक के मुफ्त उपचार की सुविधा है। यह सुविधा पूरे परिवार के लिए है। इस योजना के तहत मरीज को अस्पताल में भर्ती करने से लेकर दवा, जांच, आईसीयू, ऑपरेशन आदि सब कुछ फ्री में उपलब्ध कराया जाता है। एक व्यक्ति आयुष्मान कार्ड से एक साल में कितनी बार फ्री में इलाज करवा सकता है, इसके लिए कोई मानक नहीं है। जब तक लिमिट खत्म नहीं होती, तब तक आप जब चाहें उपचार करा सकते हैं। अब तक अस्प...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.