मोतिहारी, मई 18 -- वाल्मिकी की तपोभूमि व महात्मा गांधी की कर्मभूमि मोतिहारी के बसवरिया-पतौरा अवस्थित लगभग 70 वर्ष पुराना रवींद्र नाथ मुखर्जी आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। चंपारण के इस महाविद्यालय का जीर्णोद्धार जरूरी है। शासी निकाय की बैठक व चुनाव नहीं हो पाने की वजह से पिछले 10 वर्षों से महाविद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का वेतन नहीं मिल सका है। परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो गया है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.नरेंद्र कुमार, प्रधान सहायक रामबाबू सिंह, सुधीर सिंह, पुष्कर बनर्जी, प्रभाकर तिवारी, चंदेश्वर सिंह, अजय कुमार पांडेय, रामकृष्ण प्रसाद आदि ने बताया कि इस महाविद्यालय की स्थापना 1955 में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ.श्रीकृष्ण सिंह ने भारतीय चिकित्सा परिषद नई दिल्ली के मानदंड के अनुरूप कि...