सिमडेगा, मई 26 -- सिमडेगा। सुदुर गांवों में जब विकास की बात होती है, तो सबका ध्यान सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं पर जाता है। लेकिन केरसई का बाघडेगा पंचायत ने एक अलग मिसाल कायम की है। जहां विकास की कहानी आम के बगानो से लिखी जा रही है। आम बागवानी की यह योजना आत्मनिर्भर भारत के विजन को धरातल में उतारने का एक शानदार उदाहरण है। जानकारी के अनुसार बाघडेगा पंचायत के लगभग 140 परिवारों के पास आम का बगान है। लगभग 80 एकड़ जमीन में फैले ये बगान न केवल फल दे रहे हैं। बल्कि ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत करते हुए उनके जीवन को हरा-भरा कर रहे हैं। पंचायत के कई गांवों में तो कदम कदम में आम के बगान नजर आते हैं। बाघडेगा पंचायत के ग्रामीणों की बदलती तस्वीर के पीछे मनरेगा के आम बागवानी योजना सबसे बड़ा कारण है। शुरु में आम ब...
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