नई दिल्ली, मार्च 9 -- फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी या रंगभरी एकादशी कहते हैं। एकादशी तिथि का प्रारंभ रविवार सुबह 7:45 बजे और समापन सोमवार सुबह 7:44 बजे होगा। ऐसे में 10 मार्च को रंगभरी एकादशी मनाई जाएगी। व्रत का पारण 11 मार्च को सुबह होगा। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इसमें भगवन विष्णु, माता लक्ष्मी, तुलसी जी और आंवला के पेड़ की पूजा की जाती है। रंगभरी एकादशी को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का भी विधान है। मान्यता है कि रंगभरी एकादशी को ही बाबा विश्वनाथ हिमालय पुत्री गौरा का गौना कराकर काशी आए थे। काशी के लोगों ने गुलाल उड़ाकर उनका स्वागत किया था। रंगभरी एकादशी का संबंध रंगों से जुड़ा हुआ है। इस एकादशी में पूजा के दौरान रंग और गुलाल जरूर इस्तेमाल करना चाहिए। इसी समय ब्रज में होली का पर्व होलाष्टक से शुरू ह...