खगडि़या, जून 25 -- खगड़िया। हिन्दुस्तान संवाददाता 25 जून 1975 को देश में लगाए गए आपातकाल के विरोध में कई लोगों ने सड़क पर उतर कर आंदोलन किया। आपात्तकाल को काले कानून बताते हुए मुखालफत किया था। उन आंदोलनकारियों में शहर के बबुआगंज निवासी अशोक सर्राफ भी शामिल थे। जेपी छात्र आंदोलन के दौरान तीन बार मीसा में जेल गए। वही आपातकालीन में डेढ़ साल जेल में बेद रहे। उन्हें े आपातकाल का विरोध करने पर महज 22 साल की उम्र में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उस समय वे शहर के कोशी कॉलेज में इंटर के छात्र थे। आपातकाल को याद करते हुए 72 वर्षीय अशोक सर्राफ बताते हेँ जिले के आठ-दस प्रमुख आंदोलनकारियों में वे शामिल थे। उस पर आपातकाल के दौरान पुलिस की उस पर पैनी नजर थी। इसकी भनक लगते ही उसने गिरफ्तारी से कलकत्ता में शरण ली। सितंबर 1975 में खगड़िया लौटने पर पुलिस को इसकी ...