लखनऊ, अप्रैल 28 -- राजधानी में कूड़ा प्रबंधन व्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। नगर निगम द्वारा प्रस्तावित 100 करोड़ से प्रस्तावित कूड़ा ट्रांसफर स्टेशनों (पीसीटीएस) का टेंडर निरस्त कर दिया गया है। पार्षदों और महापौर के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद और टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोपों के चलते इसे निरस्त किया गया। टेंडर निरस्त करने के बाद अब मामला अदालत पहुंच गया हैं। कई पार्षदों ने आरोप लगाया कि जिन कंपनियों ने टेंडर डाले थे, उनके निदेशक आपस में जुड़े हुए थे। महज 28 दिन में टेंडर आमंत्रित करने से लेकर कंपनी के साथ अनुबंध तक की प्रक्रिया पूरी की गई थी। इंजीनियरों और अधिकारियों ने मिलकर मनमाने ढंग से टेंडर आवंटन कराया था। भाजपा पार्षद प्रमोद सिंह राजन ने कहा, टेंडर प्रक्रिया में काफी अनियमितता बरती गई थी, इसलिए इसका विरोध किया गया और अंत...