रांची, अक्टूबर 10 -- रांची/रातू, हिटी। रिंग रोड स्थित दुल्हन बैंक्वेट हॉल में शुक्रवार को आनंद मार्ग का तीन दिनी धर्म महासम्मेलन शुरू हुआ, इसमें देश-विदेश से अनुयायी शामिल हुए। सम्मेलन की शुरुआत आचार्य ज्योति प्रकशानंद अवधूत द्वारा योगासन सिखाने से हुई। इसके बाद श्रीश्री आनंदमूर्ति के प्रवचन दिखाए गए, जिसमें उन्होंने सृष्टि की उत्पत्ति का सिद्धांत समझाया। उन्होंने कहा कि परमात्मा अकेले थे अपने एकाकीपन से ऊबकर ही उन्होंने इस सृष्टि की रचना की। सम्मेलन में 'धर्म और उसकी सामाजिक अनिवार्यता विषय पर एक विचार गोष्ठी (रिनेसां यूनिवर्सल) का आयोजन हुआ। आचार्य दयाशिखरानन्द अवधूत ने गोष्ठी का संचालन किया। क्रोएशिया (यूरोप) से आए आचार्य विश्वोदगतानन्द अवधूत ने धर्म को परिभाषित करते हुए कहा कि धर्म का अर्थ बाहरी आडंबर नहीं, बल्कि मन के भीतर बैठे परमात...