नई दिल्ली, अक्टूबर 7 -- आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की पहली शर्त है कि आप अपने मन में किसी भी प्रकार की इच्छा नहीं रखें और विशेष इच्छा तो बिल्कुल नहीं। आध्यात्मिक मार्ग पर यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप किसी विशेष जगह पहुंचने का प्रयत्न न करें, क्योंकि जैसे ही आप कुछ विशेष पाना चाहेंगे, आपका मन 'वह विशेष स्थान' बनाने लगेगा। आप अपना खुद का निजी स्वर्ग ही बना लेंगे। आध्यात्मिक प्रक्रिया का अर्थ यह नहीं है कि आप वहम, मतिभ्रम के एक स्तर से निकल कर दूसरे स्तर पर पहुंच जाएं। यह इसलिए है कि आप अपने सारे वहम, सारे मतिभ्रम बिल्कुल ही छोड़ दें, पूर्ण रूप से त्याग दें। वास्तविकता को उसी रूप में स्वीकार करें, जैसी वह है, क्योंकि ये सारे प्रयत्न सत्य के बारे में हैं। सत्य का अर्थ है, जो अस्तित्व में है, न कि वह जो आप अपने मन में बना लेते हैं। हम अपने मन में ...
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