बेगुसराय, फरवरी 16 -- नावकोठी, निज संवाददाता। एपीएस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खेल मैदान में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वारा आयोजित श्री रामचरितमानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ कार्यक्रम के तीसरे दिन संस्थापक एवं संचालक आशुतोष महाराज के शिष्य स्वामी सुकर्मानंद ने सत्संग की महिमा को बताते हुए कहा कि आध्यात्मिक जागरण और आत्मिक शांति प्राप्त करने के लिए सत्संग का विशेष महत्व है। यह न केवल मनुष्य को सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है बल्कि समाज में सद्भाव और नैतिकता की स्थापना में भी सहायक होता है। सत्संग का अर्थ होता है सत्य का संग या सज्जनों की संगति। महापुरुषों और संतों ने सत्संग के महत्व को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है। उनके अनुसार,सत्संग से व्यक्ति का मन शुद्ध होता है। जीवन में सकारात्मकता आती है और आत्मिक उन्नति होती है। संत कबीरदास ने...