नई दिल्ली। हेमलता कौशिक, मार्च 20 -- दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महिला याचिकाकर्ता का झूठ पकड़ लिया। इस पर न सिर्फ उसे फटकार खानी पड़ी, बल्कि न्यायालय ने उसे मानवीयता के आधार पर दी गई राहत भी वापस ले ली। दरअसल, महिला ने उच्च न्यायालय में अपने परिवार का हवाला देते हुए सरोजिनी नगर मार्केट में रेहड़ी-पटरी लगाते रहने की गुहार लगाई थी। उच्च न्यायालय ने महिला की आर्थिक और पारिवारिक स्थिति देखते हुए पिछले साल नवंबर में उसे बड़ी राहत दी थी। कोर्ट ने नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) को निर्देश दिया था कि महिला को संबंधित स्थान पर ही दुकान लगानी दी जाए। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह एवं न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने इस मामले में यह जानते हुए भी कि महिला सरोजिनी नगर मार्केट में अवैध दुकान लगा रही है, उसे चार नवंबर 2024 को राहत दी थी।आधार...