रांची, अप्रैल 27 -- रांची। विशेष संवाददाता झारखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अपीलीय कोर्ट यदि किसी मामले को पुन: निचली अदालत को भेजता है तो उसे दोषपूर्ण आदेश को रद्द करना चाहिए। मामले के निपटारे के लिए निश्चित समय सीभा भी तय करनी चाहिए, ताकि अनावश्यक विलंब से बचा जा सके। जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की अदालत ने गिरिडीह के भूमि समाहर्ता को चार सप्ताह में नया आदेश जारी करने का निर्देश दिया। इस संबंध में सरफराज मिर्जा ने याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि अंचल अधिकारी के पास उसने म्यूटेशन के लिए आवेदन दिया था। अंचलाधिकारी ने यह कहते हुए आवेदन रद्द कर दिया कि उसने जरूरी दस्तावेज नहीं दिया है। इसके बाद प्रार्थी ने भूमि समाहर्ता के पास अपील की। समाहर्ता ने अंचलाधिकारी के पास फिर से सुनवाई करने के लिए मामला भेज दिया। इसके खिलाफ...