नई दिल्ली, सितम्बर 16 -- बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बरी किए जाने के आदेश के खिलाफ हर कोई अपील दाखिल नहीं कर सकता। साथ ही हाईकोर्ट ने इस बात का ब्योरा मांगा कि क्या पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मुकदमे में गवाह के तौर पर पूछताछ की गई थी। मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ विस्फोट में जान गंवाने वाले छह लोगों के परिजनों द्वारा बरी किये जाने के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी। अपील में भाजपा की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित मामले के सात आरोपियों को बरी करने के विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट की पीठ ने जानना चाहा कि क्या परिवार के सदस्यों से मुकदमे में गवाह के रूप में पूछताछ की गई थी। परिवार के सदस्यों...