चतरा, फरवरी 19 -- चतरा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। चतरा जिला के डाढ़ा गांव के चरकी टोंगरी में बुधवार को आदिवासी सरना समाज के द्वारा प्रकृति की अराधना-पूजा के साथ झंडा बदली कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पाहन तथा पहनाइन के द्वारा चाला आयो (धरती मां ) की पूजा के साथ किया गया। पूजा के बाद वीर बुधू भगत की प्रतिमा में माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया तथा समाजिक अगुवाओं के द्वारा समाज को संबोधित किया गया। कृष्णा पाहन ने कहा कि सरना धर्म जब से इस धरती में मानव का विकास हुआ तब से चला आ रहा है। इस धरती में सबसे पहले मानव के रुप में आदिवासी समुदाय का ही उत्पत्ति हुआ। तब से लगातार आदिवासी प्रकृति को अपना आराध्य मानते चले आ रहे हैं। क्योंकि प्रकृति के बिना जीवन की कल्पना व्यर्थ है। सभा को जंन संघर्ष मोर्चा के सचिव महेश बाण्डो ने संबोधित करते हुए...