दुमका, सितम्बर 28 -- दुमका, प्रतिनिधि। दुमका के आदिवासी गांवों में दसांय पर्व काफी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा हैं। रविवार को आदिवासी समुदाय के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सड़क पर ढोल, मांदर, करताल के साथ नाचते-गाते नजर आ रहे हैं। लोगों से खुशीपूर्वक कुछ न कुछ राशि लेते हैं। वेलवरण पूजा के साथ-साथ मरांग बुरु, कामरू गुरु, दहांड़ गुरु, बीरहोड़ गुरु आदि की पूजा-अर्चना करने की परंपरा है। इस पर्व की वास्तविक शुरूआत रोहन नक्षत्र में होती हैं। इस दौरान दसांय गुरु के घर के आंगन में एक आखाड़ा बनाया जाता हैं, जिसमें प्रत्येक शाम गांव के पाठशाला में मंत्र विद्या की सिख दसांय गुरु द्वारा दिया जाता है। इस पर्व में सभी चेलों को धोती पहनने की परंपरा है और अपने गांव के प्रत्येक घर में दसांय नृत्य मोर पंख लगाकर करते है। दुमका में कई संगठनों के द्वारा बाज...