आदिवासी संगठन खुद विचार करें कि वे समाज के दोस्त हैं या दुश्मन : सालखन
जमशेदपुर, फरवरी 22 -- जमशेदपुर। आदिवासी सेंगेल अभियान ने सरना धर्म कोड हेतु सभी आदिवासी संगठनों से एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील की है। सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा हे कि आदिवासी समाज इस मामले में 31 मार्च तक सहयोग की सार्वजनिक घोषणा करें अन्यथा इस बात पर विचार करें कि आदिवासी संगठन खुद यह तय करें कि वे आदिवासियों के दोस्त हैं या दुश्मन। सेंगेल ने सरकारों को अल्टीमेटम दिया है कि 31 मार्च 2024 तक वे जनगणना में सरना अलग कोड कॉलम की घोषणा करें, वरना 7 अप्रैल, 2024 को भारत बंद होगा। सालखन मुर्मू का कहना है कि यह दुर्भाग्य की बात है कि आदिवासी समाज अपने अस्तित्व के मुद्दे पर भी बेफिक्र दिखता है। अधिकांश आदिवासी माझी- परगाना, मानकी मुंडा, पढ़े-लिखे युवा- छात्र, नौकरी पेशा में शामिल आदिवासी और आदिवासी जनसंगठनों...
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