गिरडीह, मई 6 -- पीरटांड़, प्रतिनिधि। विश्व प्रसिद्ध पारसनाथ मधुबन की गोद में बसाआदिवासी बाहुल्य गांव जराबाद में बुनियादी सुविधाओं का टोटा है। गांव के ग्रामीणों को एक अदद पक्की सड़क नसीब नहीं है। सड़क के आभाव में ग्रामीणों को रोज परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जराबाद गांव तक जाने वाली पथरीली व ऊबड़ खाबड़ सड़क में चारपहिया वाहन की सवारी तो दूर बाइक की सवारी भी मुश्किल भरा काम है। बताया जाता है कि विश्व प्रसिद्ध सम्मेदशिखर मधुबन की चकाचौंध के बीच मधुबन पंचायत के आदिवासी बाहुल्य गांव जराबाद गांव बुनियादी सुविधाओं से महरूम है। प्रखण्ड मुख्यालय चिरकी से छह किलोमीटर तथा मधुबन पंचायत मुख्यालय से लगभग दो किलोमीटर दूर बसा आदिवासी बाहुल्य गांव जराबाद व आसपास गांव की आबादी लगभग एक हजार है। विभिन्न टोला में विभक्त इस क्षेत्र को उत्तरी पारसनाथ से भी जाना ...