रांची, सितम्बर 30 -- रांची, वरीय संवाददाता। कुड़मी-महतो समुदाय के द्वारा अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने की मांग के बाद झारखंड की सियासत गर्म हो गई है। कुड़मी बनाम आदिवासी के मामले से कई राजनीतिक दलों ने किनारा कर चुप्पी भी साध ली है, जबकि कई पार्टी से हटकर खुलकर सामने भी आ चुके हैं। पूजा के बाद कुड़मियों के आंदोलन व आदिवासियों के आंदोलन का असर दिखना शुरू हो जाएगा, क्योंकि कुड़मियों की मांग के बाद आदिवासी संगठन सड़क में उतर चुके हैं और कई उतरने की तैयारी में हैं, जिसका आगाज भगवान बिरसा मुंडा की धरती खूंटी से हो रहा है। 14 अक्तूबर को आदिवासी समन्वय समिति व संयुक्त आदिवासी संगठनों के द्वारा कुड़मियों की मांग के विरोध में प्रतिकार आक्रोश रैली बुलाई गई है। जिसकी अगुवाई पड़हा राजा मंगल सिंह मुंडा सहित अन्य कर रहे हैं। दूसरी ओर संयुक्त आदिव...