देहरादून, नवम्बर 15 -- देहरादून। प्रभु-भक्ति आत्मिक भोजन तो है ही, किन्तु इससे शरीर भी स्वस्थ, बलवान् और निरोग बनता है। सर्वशक्तिमान ईश्वर का एकाग्र चित्त होकर चिन्तन करने से साधक को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक-शक्ति प्राप्त होती है। यह बात सनातन धर्म मंदिर नेहरू कॉलोनी में महिला संकीर्तन मंडली द्वारा आयोजित शिवपुराण कथा में युद्ध खंड का वर्णन करते हुए कथावाचक आचार्य शिव प्रसाद ममगांई ने कही।

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