बहराइच, जुलाई 9 -- रिसिया, संवाददाता। आत्मा से परमात्मा का मिलन होना ही विवाह कहलाता है। जब भगवान के प्रति मनुष्य का अगाध प्रेम हो जाता है और भगवान की प्राप्ति के लिए प्रेम के अथाह सागर में डूब जाते हैं तब उसका भगवान से मिलन होता है। श्री मद भागवत कथा के छठे दिन पंचवटी श्री सीताराम आश्रम में रविशंकर गुरु भाई ने श्रीकृष्ण व रुक्मिणी विवाह की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि विदर्भ राज्य के राजा भीष्मक की पुत्री रूक्मणी भगवान श्री कृष्ण से प्रेम करती थी। लेकिन उनका भाई रुक्मी अपनी बहन की शादी शिशुपाल से करना चाहता था। क्योंकि रुक्मी का मगध के राजा जरासंध से संधि था। इसलिए उसके मन में श्री कृष्ण के प्रति ईर्ष्या भाव था। जब रूक्मणी के शादी की तैयारी होने लगी, तब रूक्मणी ने ब्राह्मण के जरिए श्री कृष्ण से स्वयं का हरण करने का संदेश भेजा। शिशुपाल से व...