रिषिकेष, मार्च 12 -- परमार्थ निकेतन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के चौथे बुधवार को साधकों ने योग की विभिन्न क्रियाओं का अभ्यास किया। विशेषज्ञों ने योग और आध्यात्मिकता पर विशेष चर्चा की। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि जैसे हम प्रतिदिन भोजन करते हैं और जल पीते हैं। वैसे ही हमें अपने आत्मा और मन की शुद्धता के लिए नियमित रूप से ध्यान और साधना करनी चाहिए। भगवान ने हमें यह जीवन दिया है, और इस जीवन का उद्देश्य केवल भौतिक सुखों तक सीमित नहीं होना चाहिए। हमें अपनी आत्मा की शुद्धि, मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति के लिए भी प्रयत्न करना चाहिए। योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं है, यह एक दिव्य प्रक्रिया है, जो हमारी आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का कार्य करती है। साध्वी भगवती सरस्वती ने सभी को ध्यान और साधना के महत्व के बार...