मुजफ्फर नगर, नवम्बर 14 -- लक्ष्मण विहार में चल रही कथा में महारास का वर्णन करते हुए गंगोत्री तिवारी मृदुल महाराज ने कहा कि आत्मा और परमात्मा के मिलन को ही महारास कहते है। रास में सम्मिलित होने वाली समस्त गोपियां वेदों की ऋचाएं हैं, जो निष्काम भाव से भगवान से प्रेम करती है गोपियों के शरीर रूपी मटकी से भगवान माखन रूपी मन की चोरी करते हैं। राधा और श्याम अलग अलग नहीं है बल्कि एक आत्मा दो शरीर हैं, जो श्रद्धालुजन श्रीमदभागवत कथा के अन्तर्गत महारास् के प्रसंग को श्रवण करते हैं, उनके हृदय में कृष्ण भक्ति जागृत होती है। कथा व्यास ने कहा कि हमें अपनी संतानों को शिक्षा के साथ साथ संस्कार भी देने की आवश्यकता है। बुढ़ापे में आपके द्वारा दिया गया संस्कार ही आपको रोटी खिलाएगा। इस अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा के आयोजक नरेन्द्र कुमार बंसल ने सभी का आभार व्यक्...