बरेली, जनवरी 29 -- शहर से लेकर देहात तक कुत्ते और बंदरों का आतंक फैला हुआ है। जनता परेशान खौफ में है, मगर नगर निगम का सिस्टम कागजी दावे कर रहा है। बंदर पकड़कर कहां छोड़े जाएं यह व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी नहीं है। सड़कों पर आवारा कुत्ते और छतों पर बंदरों के झुंड कब किसे शिकार बना ले इसी बात का डर लोगों में है। नगर निगम में लगातार कुत्ते और बंदरों को पकड़ने से संबंधित शिकायत आ रही हैं। आवारा कुत्तों और बंदरों की बेतहाशा आबादी हर रिहायश में है। कई सालों से इस पर नियंत्रण के लिए कोई उपाय न किए जाने से यह तादाद और बढ़ती जा रही है। शहर के तमाम इलाकों में बंदरों के झुंड लोगों के लिए बेहद दुखदाई साबित हो रहे हैं। पुराने मोहल्लों के साथ पॉश इलाकों में भी बंदरों की भरमार है। कई इलाकों में हालात इतने ज्यादा बुरे हैं कि लोगों ने छतों पर जाना तक छोड़...