चित्रकूट, अक्टूबर 27 -- निदेशक कोषागार ने सभी कोषागारों से सत्यापन कर मांगा था प्रमाण पत्र 26 सितंबर को सीटीओ ने भेजा था प्रमाण पत्र, 15 दिन बाद खुला घोटाला प्रमाण पत्र में 3188 पेंशनर व 1822 परिवारिक पेंशनर दुरुस्त होने का जिक्र एजी कार्यालय की आडिट टीम ने छह अक्टूबर से आकर शुरु की थी छानबीन चित्रकूट, संवाददाता। कोषागार से जिंदा और मुर्दा पेंशनरों के खातों में अनियमित तरीके से करोड़ों की धनराशि लगातार भेजी जाती रही और जिम्मेदार अधिकारी निदेशालय को यह प्रमाण पत्र देते रहे कि उनके यहां फर्जी पेंशन का कोई मामला नहीं है। हाल ही में 43.13 करोड़ का घोटाला उजागर होने से करीब एक पखवारा पहले ही मुख्य कोषाधिकारी ने निदेशालय को प्रमाण पत्र भेजा था। छानबीन के दौरान कोषागार के इन जिम्मेदारों की लापरवाही उजागर हो रही है। वर्ष 2018 से 30 सितंबर तक 93 पें...