बक्सर, अगस्त 25 -- दान पुण्य धरतीलोक पर आते है पूर्वज, सुख-समृद्धि का देते है आशीष पितृपक्ष के दौरान शाकाहारी भोजन का ही सेवन करना चाहिए डुमरांव, संवाद सूत्र। हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है। इस अवधि में लोग अपने-अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण व दान पुण्य करते हैं। इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत आठ सितंबर से होगी और यह 21 सितंबर 2025 को सर्वपितृ अमावस्या पर इसका समापन होगा। इस अवधि को पितरों को सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करने का पवित्र समय माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान हमारे पूर्वज धरती लोक पर आते हैं और अपने वंश से अन्न, जल और सम्मान की अपेक्षा करते हैं। इन्हें प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध और तर्पण जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि पूर्वजों की प्रस...