उन्नाव, अप्रैल 4 -- उन्नाव। आठ साल पहले शुरु हुई 'मुखबिर योजना जिले में फेल हो गई है। इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग को भ्रूण जांच का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच करनी थी। हालांकि विभाग को अभी तक एक भी ऐसा मुखबिर नहीं मिला है जिसके जरिए अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच की जा सके। जिले में यह हाल तब है जब शासन मुखबिर योजना के तहत होने वाले एक स्टिंग आपरेशन पर दो लाख रुपये तक इनाम दे रहा है। अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर भ्रूण जांच रोकने के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट पहले से लागू है। इसके बावजूद अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें लोग चोरी छिपे भ्रूण जांच कराते हैं। अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भ्रूण जांच न हो सके इसके लिए साल 2017 में शासन ने मुखबिर योजना शुरू की थी। इस योजना में मुखबिर के रूप में ऐसे जांच केंद्रों की सूचना देनी थी, जहां भू्र...