बाराबंकी, जून 24 -- बाराबंकी। मियावाकी पद्धति से पौधों को रोपित करने के लिए आठ गोशालाओं को चिह्नित कर लिया है। अब यहां केंद्र के चारों ओर से पौधे रोपित किए जाएंगे। गोशाला ही एक ऐसी जगह है, जहां पर संरक्षण, सुरक्षा, पानी और जगह पर्याप्त है। जिले में 111 गोशाला हैं, जहां लगभग 31 हजार से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। लगभग डेढ़ सौ हेक्टेयर में गोशालाएं बनी हैं। जहां छाया के नाम पर कुछ नहीं है। हर वर्ष वन विभाग की ओर से 50 से 60 लाख पौधे रोपित किए जाते हैं, तमाम पौधे लगाने के बजाए ऐसे ही छोड़ दिए जाते हैं, क्योंकि पौधे रोपित करने के लिए जगह नहीं मिलती है। सरकारी जमीन के तौर पर गोशाला ऐसा स्थान है, जहां पर कई लाख पौधे रोपित हो सकते हैं। यहां पौधरोपण के लिए पर्याप्त जगह है और पशुओं को छांव की जरूरत भी। पशुपालन विभाग की ओर से प्लान तैयार किया गया है। पह...