प्रयागराज, जुलाई 6 -- प्रयागराज संजोग मिश्र यूपी बोर्ड की एनसीईआरटी आधारित किताबें इस सत्र में आठ गुना तक महंगी हो गई हैं। 2018 में नई किताबें लागू होने के बाद सात सालों में यह पहला मौका है जब प्रकाशकों का कमीशन एनसीईआरटी के बराबर करने के कारण किताबों के दाम में वृद्धि हुई है। हालांकि वृद्धि के बावजूद यूपी बोर्ड की किताबें एनसीईआरटी से सस्ती हैं। पूर्व के वर्षों में बहुत सस्ती किताबें होने के कारण न तो प्रकाशक किताबें छापने में रुचि लेते थे और न ही फुटकर दुकानदार बेचने में रुचि लेते थे क्योंकि उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता था। अब प्रकाशक छापने को आगे आएंगे और फुटकर दुकानदार किताबें बेचेंगे को तैयार होंगे जिसका लाभ बोर्ड से जुड़े 28 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को होगा। पहले बाजार में...