जौनपुर, सितम्बर 7 -- जौनपुर, संवाददाता। धार्मिक रूप से पितरों के प्रति श्रद्धा और आस्था का महापर्व रविवार से शुरू हो रहा है। शास्त्र और पुराणों के अनुसार पहले दिन पूर्णिमा को सिर्फ वे लोग तर्पण करते हैं जिनके माता पिता पूर्णिमा तिथि को दिवगंत हुए रहते हैं। बाकी लोगों के पितरों को डोम और पुरोहित तर्पण देते हैं इसलिए नदी और तालाबों के किनारे स्नान कर तर्पण करने वालों की संख्या कम रहेगी। सोमवार से लोग अपने पितरों को तर्पण पिंडदान देकर श्राद्ध करेंगे। इस पर्व पर लोग प्रात: सबसे पहले स्नान कर पितरों का स्मरण करते हैं। तर्पण करने के बाद घर में बने भोजन पकवानों की दोनियां निकालते हैं। पहली दोनियां गाय के लिए, दूसरी कुत्ता, तीसरी कौवे के नाम से निकाली जाती है। इस पर्व पर विद्वान ब्राह्मणों और सुपात्र लोगों को भोजन कराया जाता है। तपर्ण के लिए हाथ ...