वाराणसी, अक्टूबर 18 -- सर्वार्थसिद्धि योग में धनतेरस के साथ ही दीपपर्व का 18 अक्तूबर से आगाज होगा। इस तिथि पर यम आराधना के विधान पूर्ण किए जाएंगे। आयुर्वेद के प्रवर्तक धन्वंतरि की जयंती मनाई जाएगी। एक तरफ वैद्य (चिकित्सक) समाज धनवंतरि का पूजन कर सबके स्वास्थ की कामना करेंगे तो दूसरी ओर गृहस्थ यम दीप जलाकर यमराज से अकालमृत्यु से मुक्ति की प्रार्थना करेंगे। यमदीप जलाने वाले व्यक्ति को यम यातना से भी मुक्ति मिल जाती है। लोक परंपराओं के अनुसार धनतेरस के दिन ही घरों में लक्ष्मी-गणेश, काली, दुर्गा, ग्वालिन आदि सजा कर भड़ेहर भरने की परंपरा निभाई जाएगी। भड़ेहर में खड़ा चना, बेसन के लड्डू, धान का लावा, चूड़ा और चीनी के खिलौने रखे जाएंगे। भृगुसंहिता विशेषज्ञ पं. वेदमूर्ति शास्त्री बताते हैं कि शास्त्रीय विधान के अनुसार धनतेरस का मुख्य संबंध यम के न...