नई दिल्ली, अक्टूबर 6 -- हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है, लेकिन आश्विन मास की पूर्णिमा को "शरद पूर्णिमा" कहा जाता है, जो वर्ष की सबसे शुभ और पवित्र पूर्णिमा मानी जाती है। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलहों कलाओं से पूर्ण होकर आकाश में उदित होता है और उसकी चांदनी को अमृतमयी बताया गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस रात की चंद्रकिरणों में दिव्य औषधीय गुण और अमृत तत्व समाहित होते हैं, जिनका स्पर्श तन और मन दोनों के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। इसी कारण इस तिथि को "कोजागरी पूर्णिमा" और "रास पूर्णिमा" भी कहा जाता है। शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु और चंद्र देव की आराधना का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत-पूजन और जागरण करने से जीवन में सुख-समृद्धि, धन-धान्य और सौभाग्य प्राप्त होता है।इस साल 6 अक्टूबर यानी आज शरद पूर्णिमा है। प्...