प्रयागराज, मई 20 -- पं. देवीदत्त शुक्ल-पं. रमादत्त शुक्ल शोध संस्थान की ओर से मंगलवार को पं. सुमित्रानंदन पंत की जयंती के अवसर पर कचहरी के समीप उनके प्रतिमास्थल पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. नरेंद्र कुमार सिंह गौर ने कहा कि हिन्दी के रचनाकारों के बीच प्रकृति के सुकुमार कवि के रूप में अकेले पंतजी ही समादृत हुए। वे अपनी रचनाधर्मिता की विशिष्टता के लिए अपने समकालीनों में तो प्रशंसित हुए ही, आज भी जन-जन में उसी प्रकार लोकप्रिय और प्रासंगिक हैं। यह बड़ी बात है जो उन्हें निश्चय ही अलग पहचान प्रदान करती है। संस्थान के सचिव व्रतशील शर्मा ने पंतजी के कई संस्मरण सुनाकर उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को नमन किया। वरिष्ठ गीतकार डॉ. वीरेंद्र तिवारी, शैलेंद्र मधुर, गोपाल बाबू जायसवाल ने उनके समग्र व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। संचालन वेद प्रकाश ...
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