वरिष्ठ संवाददाता, जून 11 -- रेलवे अब आधुनिक हो चुका है, इसके बावजूद कुछ मामलों में आज भी ब्रिटिश काल के नियमों को फॉलो किया जा रहा है। इनमें एक नियम तो ऐसा है कि यदि तीन प्रमुख लोगों की मौजूदगी न हो तो इमरजेंसी की स्थिति में भी किसी यात्री को प्राथमिक उपचार तक नहीं दिया जा सकता। इसका कारण यह है कि प्राथमिक उपचार से संबंधित उपकरण और जरूरी दवाइयां सील बंद डिब्बे में बंद रहती हैं, जिन्हें तीन सदस्यीय कमेटी के हस्ताक्षर के बिना खोला नहीं जा सकता। अब यदि किसी यात्री को गंभीर चोट भी लगती है तो प्राथमिक उपचार के लिए सबसे पहले स्टेशन मास्टर को इसकी सूचना दी जाती है। उसके बाद सील बंद डिब्बे को लाया जाता है। डिब्बे का सील खोलने के वक्त नियमत: स्टेशन मास्टर, डिप्टी एसएस और पोर्टर की मौजूदगी जरूरी होती है। इन तीनों हस्ताक्षर के बाद ही डिब्बे को खोलकर...