चित्तौड़गढ़, अगस्त 26 -- राजस्थान का मेवाड़ का इतिहास वीरता की कहानियों से भरा पड़ा है। लेकिन आज का दिन यानी 26 अगस्त 1303 मेवाड़ के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है। उस दिन दिल्ली सल्तनत के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने अपनी विशाल सेना और आक्रामक रणनीति के दम पर चित्तौड़गढ़ के अभेद्य किले पर कब्जा कर लिया। यह किला, जो राजपूत शौर्य और स्वाभिमान का प्रतीक था, खिलजी की साम्राज्यवादी भूख और सनक का शिकार बना। लेकिन आखिर क्या कारण थे कि खिलजी इस किले को जीतने के लिए इतना बेताब था? आइए, इस ऐतिहासिक घटना की कहानी बताते हैं।राजपूतों का गढ़ रहा है चित्तौड़गढ़ मेवाड़ की पहाड़ियों में बसा चित्तौड़गढ़ का किला केवल एक सैन्य गढ़ ही नहीं, बल्कि राजपूतों की वीरता का भी गढ़ रहा है। राणा रतन सिंह के शासन में यह किला व्यापार मार्गों पर नियंत्रण और ...
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