नई दिल्ली, अक्टूबर 16 -- तारीख थी 16 अक्टूबर 1788.. यानी आज का दिन, जो इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है, जब मराठा साम्राज्य ने अपनी ताकत का लोहा मनवाते हुए मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय को दिल्ली की गद्दी पर फिर से बिठाया। ये घटना इसलिए भी खास है क्योंकि मराठाओं ने लंबे समय तक मुगलों के खिलाफ ही युद्ध लड़े।जब मराठाओं ने की मुगलों की मदद ये बात उन दिनों की है जब मुगल हुकूमत अपनी अंतिम सांसें गिन रही थी। सम्राट शाह आलम द्वितीय, जिनका शासन नाममात्र का रह गया था, 1788 तक कई बार अपमान और हार का सामना कर चुके थे। अफगान सरदार गुलाम कादिर ने दिल्ली पर कब्जा कर शाह आलम को गद्दी से हटा दिया। इस बीच मराठा आगे आए। मराठाओं ने अपनी सैन्य कुशलता और रणनीतिक योजनाओं से दिल्ली की गद्दी वापस मुगलों को दिलाई। कुछ दिन तक लालकिले पर भगवा ...
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