हापुड़, सितम्बर 6 -- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य निरूपम चकमा ने कहा कि भगवान बुद्ध का मार्ग आज की दुनिया में शांति, करूणा और न्याय का सबसे बड़ा अधिकार है। विशेषकर युवाओं को इसे आत्मसात कर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहिए। वह शनिवार को मोदीनगर रोड स्थित संस्कृति सेलिब्रेशन में भारतीय बौद्ध शिक्षा संस्थान द्वारा अध्यक्ष डा.आकी हितो के नेतृत्व में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से बुद्ध के जीवन एवं उपदेश पर राष्ट्रीय गोष्ठी में बोल रहे थे। विशिष्ठ अतिथि डा.एल अश्वघोष ने कहा कि बुद्ध की शिक्षा हिंसा, असमानता और नैतिक संकट से जूझते समाज के लिए आज भी अत्यंत प्रासंगिक है। बुद्ध का संदेश केवल सुनने के लिए नहीं है, ब्लकि जीवन में उतारने के लिए है, ताकि करूणा, शांति और भाईचारे पर आधारित एक नए और बेहतर समाज का निर्माण हो स...