पाकुड़, मई 12 -- पाकुड़िया। प्रखंड के सुदूरवर्ती गांव दुर्गापुर निवासी बायलोमिया टुडू ने जेएसएलपीएस की योजनाओं से जुड़कर न केवल स्वयं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरक मिसाल बन गई हैं। खेती-बाड़ी और पशुपालन पर निर्भर रहने वाली बायलोमिया पहले पूंजी की कमी के कारण केवल कुछ बीघा जमीन पर ही धान की खेती करती थीं, जिससे उनकी सालाना आय 40 से 50 हजार रुपए ही हो पाती थी। वर्ष 2015 में बायलोमिया मार्शल आजीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी और साप्ताहिक बचत शुरू की। कुछ समय बाद उन्होंने अपने आजीविका समूह से 20 हजार रुपये का ऋण लेकर और सरकारी सहायता से तालाब बनवाकर सब्जी की खेती शुरू की। जब कुछ आमदनी बढ़ी तो तो फिर पुराना ऋण चुकाकर समूह से 60 हजार रुपए ऋण लेकर अपनी जमीन पर डीप बोरिंग करवाया जिसके अतिरिक्त पानी से तालाब सालों ...