पटना, सितम्बर 4 -- बिहार की राजनीति में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग बहुत प्रभावशाली है। ये वर्ग न केवल राज्य की आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं, बल्कि दशकों से सूबे के राजनीतिक समीकरणों को भी निर्धारित करते रहे हैं। हालांकि, जब देश आजाद हुआ था, तब दो दशकों तक सत्ता के शीर्ष पद से ये वर्ग अछूते रहे थे। बिहार को पहला पिछड़ा मुख्यमंत्री आजादी के 20 साल बाद मिला था। 1968 में सतीश प्रसाद सिंह बिहार के पहले पिछड़ा वर्ग के सीएम बने थे। हालांकि, उन्हें भी महज 5 दिन के भीतर अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। वे बिहार के सबसे कम कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री भी हैं। भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्रता मिलने के बाद श्रीकृष्ण सिंह बिहार के पहले मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 1961 तक सत्ता की बागडोर संभाली। वे भूमिहार जाति से आते थे। उनके बाद मैथिली ब्राह्मण समाज से आने वाले ब...
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