दिल्ली, अगस्त 15 -- उग्रवाद और राजनीतिक अस्थिरता से जूझता पूर्वोत्तर भारत प्राकृतिक सौंदर्य और धनी विरासत के बावजूद विकास की दौड़ में पिछड़ा दिखाई देता है.दुर्गम भौगोलिक स्थिति और सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता के अलावा दशकों लंबा उग्रवाद और सत्ता में रहने वाली पार्टियों में इच्छाशक्ति के अभाव के कारण आजादी के आठ दशकों बाद भी पूर्वोत्तर राज्य राष्ट्र की मुख्यधारा में उतनी गहराई से शामिल नहीं दिखते.यह कहना सही नहीं होगा कि आजादी के बाद पूर्वोत्तर इलाके में कोई बदलाव नहीं आया है.इलाके में देर से और धीमी गति से ही सही विकास की प्रक्रिया शुरू हुई है.इस वजह से खासकर केंद्र की लुक ईस्ट नीति के तहत सीमावर्ती इलाको में कनेक्टिविटी मजबूत करने करने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई है.इसी कवायद के तहत पूर्वोत्तर के तमाम राज्यों की राजधानियों को रेलवे नेटवर्...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.