संवाददाता, सितम्बर 30 -- लखीमपुर खीरी जिले का छोटा-सा कस्बा मैगलगंज अपनी अनोखी मिठास और गौरवशाली इतिहास के कारण सुर्खियों में है। यहां के रसगुल्ले अब सिर्फ स्वाद के लिए नहीं, बल्कि अपने ब्रांड और परंपरा के लिए भी जाने जा रहे हैं। करीब 85 साल पुरानी यह मिठाई की परंपरा हाल ही में तब और खास हो गई जब इसे जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग की मान्यता मिली। जीआई टैग मिलने के बाद अब मैगलगंज के रसगुल्ले सिर्फ खीरी जिले तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि देशभर में अपनी अलग पहचान बनाएंगे। मैगलगंज के रसगुल्लों का इतिहास सिर्फ कारोबार तक सीमित नहीं, बल्कि आजादी की लड़ाई से गहराई से जुड़ा है। साल 1941 में जब स्वतंत्रता आंदोलन तेज़ हो रहा था, तब यहां के रसगुल्लों की पहली पहचान बनी। बताया जाता है कि स्वतंत्रता सेनानियों और आंदोलन में शामिल युवाओं को उत्साह और ऊर...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.