गढ़वा, अगस्त 14 -- गढ़वा, प्रतिनिधि। देश की आजादी की लड़ाई में सुदूरवर्ती चेमो सनेया गांव निवासी नीलांबर-पीतांबर दोनों भाइयों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। दोनों भााई पलामू प्रमंडल के महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने 1857 ई की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने में अहम भूमिका निभाई थी। उनके पिता का नाम चेमू सिंह भोगता था। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के लिए दोनों भाइयों ने भोगता और खरवार समुदाय को मिलाकर एक शक्तिशाली संगठन बनाया था। तत्कालीन पलामू जिला में चेरो और खरवार जाति की प्रधानता थी। उन्होंने अपनी शक्ति को मजबूत करने के लिए चेरो के जागीरदारों से दोस्ती की थी। उन्हें उनका अधिकार वापस दिलाने की शर्त पर समर्थन प्राप्त किया। बताया जाता है कि 21 अक्तूबर 1857 को दोनों भाइयों के नेतृत्व में चैनपुर, शाहपुर और ल...
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