आजमगढ़, दिसम्बर 26 -- आजमगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। आजमगढ़ महोत्सव के तीसरे दिन कवियों ने अपनी रचनाओं से समा बांधा। कभी हंसाया-गुदगुदाया तो कभी अपनी चंद लाइनों से सामाजिक व्यवस्था पर कटाक्ष किया। भीषण ठंड के बावजूद लोग देर रात तक महोत्सव में डटे रहे। इससे पहले तीसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने किया। शाम साढ़े चार बजे से स्कूली छात्रों और स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। शाम सात बजे देश के अलग हिस्सों से आए कवियों ने मंच संभाला। अंतरराष्ट्रीय कवि डॉ. सुनील जोगी, शंभू शिखर, सर्वेश अस्थाना, मणिका दूबे, प्रिंयाशु गजेंद्र, विकास बौखल ने बारी-बारी से अपनी प्रस्तुतियों से लोगों को बांधे रखा। कभी हास्य की फुहार बही तो कभी वीर रस। श्रृंगार की कविताओं से मणिका दूबे ने लोगों का दिल जीत लिया। कवियों की प्रस्तुतियों पर...