मधुबनी, जुलाई 13 -- लदनियां,निज संवाददाता। लदनियां प्रखंड में आषाढ़ में बारिश नहीं हुई, अब सावन महीने की बारी है। बिचड़ों के आच्छादन का वक्त भी गुजरता चला जा रहा है। कड़ाके की पड़ रही धूप के कारण सूखते बिचड़े को बचाना मुश्किल हो रहा है। कई किसानों ने कुदरती बारिश की प्रत्याशा में खरीफ फसल की रोपनी बोरिंग व पम्पसेट से सिंचाई कर की है, जिसमें दरारे पड़ी है। आच्छादित फसलों में पानी की जरूरत तीन से चार दिनों पर होती है, जिसे कर पाने में किसानों को उसकी माली हालत साथ नहीं दे पा रही है। सिंचाई के सभी साधन सूख गए हैं। बारिश नहीं होने के कारण बराजयुक्त मुनहरा बलान व त्रिशूला नदी में पानी नहीं है। बधारों में कृषि योग्य बिजली का विस्तार नहीं किया जा सका है। ऐसी स्थिति में किसानों का चिन्तित होना अति स्वाभाविक ही है। किसानों की स्थिति - कहां जाई का करी की...